Chhath Puja Celebration in Bihar: भारत के त्योहारों में बिहार का छठ पूजा पर्व एक खास स्थान रखता है। आस्था, श्रद्धा, और प्रकृति की उपासना के इस महापर्व में हर साल बिहार के हजारों लोग नदियों के किनारे, तालाबों और घाटों पर इकट्ठा होकर सूर्यदेव को अर्घ्य अर्पित करते हैं। 2024 में भी “छठ पूजा सेलिब्रेशन इन बिहार” के दौरान हर तरफ भक्तों की भीड़, परंपरा और समर्पण का अद्भुत संगम देखने को मिला। पूरे बिहार में छठ पूजा का उल्लास एक महोत्सव की तरह मनाया गया, जिसमें लोगों ने अपने परिवारों के साथ मिलकर भगवान सूर्य और छठी मैया की पूजा की।
छठ पूजा का महत्व और इतिहास
छठ पूजा का इतिहास बेहद पुराना है और इसकी शुरुआत महाभारत काल से मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि द्रौपदी और पांडवों ने कठिन समय में इस व्रत का पालन किया था। इस पर्व का मुख्य उद्देश्य सूर्यदेव को प्रसन्न करना और उनसे सुख, समृद्धि और स्वास्थ्य की कामना करना है। “Chhath Puja Celebration in Bihar” में यह त्योहार मुख्य रूप से गंगा के किनारे, विशेषकर पटना के घाटों पर बड़े पैमाने पर मनाया जाता है। इसके अलावा, सोनपुर, मुजफ्फरपुर, बक्सर और भोजपुर के घाटों पर भी आस्था का यही नजारा देखने को मिलता है। इस दौरान लाखों लोग गंगा और अन्य नदियों के किनारे एकत्र होकर पूजा करते हैं, जो बिहार की धार्मिक आस्था का प्रतीक है।
Chhath Puja Celebration in Bihar
चार दिनों के इस त्योहार में प्रत्येक दिन की अपनी विशेषता है। पहले दिन नहाय-खाय के रूप में व्रती पवित्रता और शुद्धता के लिए स्नान करते हैं और केवल शाकाहारी भोजन का सेवन करते हैं। दूसरे दिन खरना का पर्व मनाया जाता है, जिसमें गुड़ और चावल की खीर बनाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है। तीसरे दिन संध्या अर्घ्य के समय व्रती नदी या तालाब के किनारे जाकर सूर्यास्त के समय सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं। और चौथे दिन उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन होता है। 2024 में भी “छठ पूजा सेलिब्रेशन इन बिहार” के दौरान ये परंपराएं पूरी भव्यता से निभाई गईं।
बिहार के घाटों पर छठ पूजा का दृश्य
छठ पूजा के दौरान बिहार के घाटों पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। पटना के गांधी घाट, दीघा घाट, और मुंगेर घाट पर खास तैयारियाँ की गईं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो। 2024 में बिहार सरकार ने छठ पूजा के लिए विशेष सुरक्षा और सफाई व्यवस्था की, ताकि घाटों पर भारी भीड़ के बावजूद श्रद्धालुओं की सुविधा बनी रहे। घाटों को साफ-सुथरा रखा गया, और सोलर लाइट्स और सजावट से घाटों की रौनक और भी बढ़ गई।
2024 में “Chhath Puja Celebration in Bihar” के दौरान गंगा और अन्य नदियों के किनारे लोग परंपरागत परिधानों में नज़र आए। इस अवसर पर महिलाएं पीली साड़ी में और पुरुष पारंपरिक धोती-कुर्ते में दिखे, जो इस पर्व की धार्मिक महत्ता को और गहराई प्रदान करता है।
छठ पूजा में बिहार की सांस्कृतिक झलक
बिहार की संस्कृति में छठ पूजा एक ऐसा त्योहार है जो समाज में एकता और आपसी प्रेम की भावना को बढ़ावा देता है। यह पर्व सामूहिक रूप से मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने परिवार, रिश्तेदार और पड़ोसियों के साथ मिलकर पूजा करते हैं। इसके साथ ही, बिहार में इस अवसर पर व्यापार में भी वृद्धि होती है, खासकर प्रसाद, फूलों, और पूजा सामग्री की बिक्री के रूप में। 2024 में “छठ पूजा सेलिब्रेशन इन बिहार” के दौरान पूरे राज्य में स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला, और कई लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए।
छठ पूजा और संगीत – लोकगीतों का महत्व
छठ पूजा का एक और महत्वपूर्ण पहलू है इसके लोकगीत, जो इस पर्व में एक विशेष रंग भरते हैं। “कांच ही बांस के बहंगिया” और “केलवा के पात पर उगेलन सूरज मल झाके” जैसे गीत बिहार के घर-घर में गूंजते हैं। इन गीतों में छठ व्रत की कठिनाई और समर्पण का उल्लेख होता है। 2024 के “Chhath Puja Celebration in Bihar” में इन लोकगीतों ने न केवल उत्साह बढ़ाया बल्कि छठ की सांस्कृतिक विरासत को भी जीवंत रखा।
पर्यावरण संरक्षण और छठ पूजा
बिहार में छठ पूजा का पर्यावरणीय दृष्टिकोण भी महत्वपूर्ण है। यह पर्व पर्यावरण-संवेदनशीलता के लिए जाना जाता है, जिसमें प्रसाद में पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों का उपयोग होता है। इस वर्ष भी बिहार सरकार ने “Chhath Puja Celebration in Bihar” के दौरान प्लास्टिक पर रोक लगाई और घाटों की सफाई सुनिश्चित की, ताकि नदियों में प्रदूषण कम हो।
2024 में छठ पूजा के समय पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की गई। घाटों पर कचरा प्रबंधन की विशेष व्यवस्था की गई, जिससे पूजा के बाद घाट साफ-सुथरे रहे।
2024 में छठ पूजा का अद्भुत अनुभव
बिहार में छठ पूजा का पर्व न केवल बिहार के लोगों के लिए बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक अनूठा अनुभव रहा। इस वर्ष छठ पूजा के दौरान बिहार के गंगा घाटों पर हजारों लोगों का जमावड़ा लगा रहा। प्रवासी भारतीय भी इस महापर्व को मनाने बिहार पहुंचे, जिससे हर घाट पर एक अलग ही रौनक दिखी। 2024 में “Chhath Puja Celebration in Bihar” की झलकियां सोशल मीडिया पर भी वायरल रहीं, जिससे इस पर्व की लोकप्रियता और भी बढ़ी।
निष्कर्ष: Chhath Puja Celebration in Bihar
छठ पूजा बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान है, जो लोगों में आस्था और पर्यावरण के प्रति प्रेम को बढ़ावा देता है। 2024 में “Chhath Puja Celebration in Bihar” के दौरान इस पर्व की पवित्रता और भव्यता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि यह केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि बिहार के समाज का हिस्सा है। इस पर्व का हर वर्ष नया रूप देखने को मिलता है, जिसमें लोग अपनी पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ छठी मैया की पूजा करते हैं और अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं।