Dussehra Puja 2024 Date And Time: कब है दुर्गा पूजा? जानिए सुभ दिन और तारिक

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Dussehra Puja 2024 Date And Time
Dussehra Puja 2024 Date And Time

हेल्लो दोस्तों, आप जानते है की मेरे जीवन में दुर्गा माता का बहुत महत्व है। और बचपन से ही मैं नवरात्रि में उनकी पूजा करता आ रहा हूं। यह मेरे लिए एक विशेष समय है। हर साल Dussehra Puja के दिन मुझे शक्ति और उत्साह का अनुभव होता है।

इस साल दशहरा 12 अक्टूबर, 2024 को होगा। दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक शुभ मुहूर्त है। यह दिन हमें अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का मौका देता है।

Dussehra Puja के कुछ प्रमुख बिंदु:

  1. दशहरा या विजयादशमी 12 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा
  2. दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक रहेगा
  3. बंगाल में दशहरा का पर्व 13 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा
  4. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की पूजा करना महत्वपूर्ण है
  5. दशहरा पर अच्छाई पर बुराई की जीत का जश्न मनाया जाता है

Dussehra Puja क्या है?

दशहरा या विजयादशमी का त्योहार असत्य पर सत्य और पाप पर पुण्य की जीत का प्रतीक है। यह भगवान श्री राम के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। उन्होंने इसी दिन रावण का वध कर अच्छाई पर बुराई की जीत का संदेश दिया था।

इसके अलावा, मां दुर्गा ने भी इसी दिन महिषासुर नामक राक्षस पर विजय प्राप्त की थी।

इस प्रकार, दशहरा या विजयादशमी का त्योहार अच्छाई और धर्म की जीत को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाता है। यह हमें अपने अंतर्मन को शुद्ध करने और पाप से बचने का संदेश देता है। इस दिन, लोग अपने घरों में दशहरा पूजा करते हैं।

वे भगवान राम एवं मां दुर्गा की पूजा करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

Dussehra Puja के महत्व और इतिहास:

  • दशहरा पूजा का महत्व: यह पवित्र त्योहार अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध कर सत्य पर असत्य की जीत दर्ज की थी।
  • दशहरा का इतिहास: इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस पर विजय प्राप्त की थी। इस प्रकार, यह त्योहार पुण्य पर पाप की जीत का प्रतीक है।
  • दशहरा का महत्व: यह त्योहार हमें अपने अंतर्मन को शुद्ध करने और पाप से बचने का संदेश देता है। यह हमें अच्छाई और धर्म पर विश्वास करने की प्रेरणा देता है।

सारांश में, दशहरा या विजयादशमी का त्योहार अच्छाई और पुण्य पर बुराई एवं पाप की जीत का प्रतीक है। यह हमें अपने जीवन में सद्गुणों को अपनाने और अच्छाई का पालन करने की प्रेरणा देता है।

Dussehra Puja 2024 के मुहूर्त:

दशहरा या विजयादशमी पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक है। इस समय दशहरा पूजा करने का समय लगभग 46 मिनट होगा।

बंगाल में दशहरा पूजा का समय दोपहर 1:16 से दोपहर 3:35 तक है। यह समय लगभग 2 घंटे 19 मिनट का है।

दशहरा या विजयादशमी पूजा 2024 में 12 अक्टूबर को होगी। पूजा का समय 10:58 AM से 9:08 AM तक है।

श्रवण नक्षत्र 12 अक्टूबर को 5:25 AM से अगले दिन 4:27 AM तक रहेगा। दशहरा पूजा का सबसे शुभ समय दोपहर 2:02 बजे से दोपहर 2:48 बजे तक है।

“शास्त्रों के अनुसार दोपहर के समय पूजा करना शुभ माना जाता है।”

Dussehra Puja में पशुपक्षी बलि नहीं दी जाती। गाय के गोबर से नौ गोलियां और दो पात्र बनाए जाते हैं।

इन पर सिक्के, अनाज, जौ और फल चढ़ाए जाते हैं। गरीबों को भोजन कराना और दान देना भी महत्वपूर्ण है।

सन्ध्या में रावण का पुतला जलाया जाता है। इसके बाद बड़ों के चरणों में प्रसाद लेकर और आशीर्वाद मांगकर पूजा समाप्त की जाती है।

Dussehra Puja 2024 Date And Time
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दशहरा पूजा 2024 मेंं कब है?

इस साल दशहरा या विजयादशमी 12 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। दशमी तिथि 12 अक्टूबर को प्रातः 10 बजकर 58 मिनट से शुरू होकर 13 अक्टूबर को प्रातः 09 बजकर 08 मिनट पर समाप्त होगी। इस प्रकार, दुर्गा पूजा का शुभ दिन 12 अक्टूबर, 2024 को होगा। बंगाल में दशहरा का पर्व 13 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा।

दशहरा या विजयादशमी भगवान श्री राम द्वारा रावण का वध कर अच्छाई पर बुराई की जीत के रूप में मनाया जाता है। इस दिन माँ दुर्गा की पूजा की जाती है और रावण का पुतला जलाया जाता है, जिसका तात्पर्य है कि हर प्रकार के पाप और बुराई का विनाश होता है।

2024 में दशहरा के लिए शुभ दिन और समय:

  • दशमी तिथि: 12 अक्टूबर, 2024 प्रातः 10 बजकर 58 मिनट से 13 अक्टूबर, 2024 प्रातः 09 बजकर 08 मिनट तक
  • बंगाल में दशहरा: 13 अक्टूबर, 2024
  • श्रवण नक्षत्र: 12 अक्टूबर, 2024 प्रातः 5 बजे से 13 अक्टूबर, 2024 प्रातः 4:27 बजे तक
  • पूजा का शुभ मुहूर्त: 12 अक्टूबर, 2024 दोपहर 2 बजकर 00 मिनट से 2 बजकर 48 मिनट तक (लगभग 46 मिनट)

“दशहरा का त्योहार हमारी संस्कृति और परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा है। यह त्योहार अच्छाई पर बुराई की जीत का प्रतीक है और हमें सकारात्मक ऊर्जा और उत्साह प्रदान करता है।”

इस साल दशहरा या विजयादशमी 12 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। कृपया इस शुभ दिन और समय का ध्यान रखें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ इस महत्वपूर्ण त्योहार का आनंद लें।

Dussehra Puja 2024 Date And Time
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Dussehra Puja के विधि

दशहरा का शुभ मुहूर्त दोपहर के समय होता है। घर के ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाया जाता है। इस चक्र में ‘अपराजिताय नमः:’ मंत्र का जप करके मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है। दशहरा पूजा साममग्री में रोली, अक्षत, फूल और फल आदि अर्पित किए जाते हैं और भोग लगाया जाता है।

पूजा स्थल पर शस्त्रों या बहीखातों की भी पूजा की जा सकती है। पूजा के अंत में गरीबों को भोजन कराया जाता है ताकि उनकी भी खुशी होती है और उन्हें आशीर्वाद मिलता है।

  1. पूजा के लिए अपराजिता या अष्टदल चक्र बनाएं।
  2. मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करें। रोली, अक्षत, फूल, फल अर्पित करें।
  3. पूजा स्थल पर शस्त्रों या बहीखातों की पूजा भी करें।
  4. अंत में गरीबों को भोजन कराएं।
पूजा विधिविवरण
अष्टदल चक्र बनानाघर के ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाया जाता है
पूजा का मंत्र‘अपराजिताय नमः:’ मंत्र का जप करके मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है
पूजा सामग्रीरोली, अक्षत, फूल, फल आदि अर्पित किए जाते हैं और भोग लगाया जाता है
अतिरिक्त पूजा स्थलपूजा स्थल पर शस्त्रों या बहीखातों की भी पूजा की जा सकती है
समाप्तिअंत में गरीबों को भोजन कराया जाता है

इस प्रकार दशहरा पूजा विधि को घर पर पूरी श्रद्धा और धूमधाम से मनाया जाता है। पूजा के माध्यम से पुण्य पर पाप की जीत का संदेश दिया जाता है।

“दशहरा का पर्व भगवान श्री राम के रावण पर विजय का प्रतीक है। इस दिन को मनाकर हम अच्छाई पर बुराई की जीत का संदेश देते हैं।”

नवरात्रि के बारे में

नवरात्रि एक बहुत महत्वपूर्ण पर्व है। यह वर्ष में चार बार आता है, लेकिन चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे बड़े हैं। इन दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।

इन नौ रूपों को नवदुर्गा कहा जाता है। दसवें दिन दशहरा या विजयादशमी मनाया जाता है।

शारदीय नवरात्रि 2024 में, इस पर्व की शुरुआत 3 अक्टूबर से होगी और 12 अक्टूबर को समाप्ति होगी। इस दौरान नौ शक्ति रूपों की पूजा की जाएगी और व्रत-उपवास किया जाएगा।

नवरात्रि पूरे भारत में बहुत महत्वपूर्ण है। इस दौरान मां दुर्गा की भक्ति की जाती है। उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है।

  • शारदीय नवरात्रि 2024 की तिथियां: 3 अक्टूबर से 12 अक्टूबर
  • घटस्थापना मुहूर्त: 3 अक्टूबर, सुबह 6:15 बजे से 7:22 बजे
  • अभिजित मुहूर्त: 3 अक्टूबर, दोपहर 11:46 बजे से 12:33 बजे
  • नवरात्रि के प्रत्येक दिन की तिथि और देवी रूप:
    1. 3 अक्टूबर: प्रतिपदा तिथि – मां शैलपुत्री
    2. 4 अक्टूबर: द्वितीया तिथि – मां ब्रह्मचारिणी
    3. 5 अक्टूबर: तृतीया तिथि – मां चंद्रघंटा
    4. 6 अक्टूबर: चतुर्थी तिथि – मां कूष्माण्डा
    5. 7 अक्टूबर: पंचमी तिथि – मां स्कंदमाता
    6. 8 अक्टूबर: षष्ठी तिथि – मां कात्यायनी
    7. 9 अक्टूबर: सप्तमी तिथि – मां कालरात्रि
    8. 10 अक्टूबर: अष्टमी तिथि – मां महागौरी
    9. 11 अक्टूबर: नवमी तिथि – महानवमी
    10. 12 अक्टूबर: दशमी तिथि – मां दुर्गा का विसर्जन (दशहरा)
  • इस वर्ष माँ दुर्गा का विसर्जन पालकी में होगा।

दशमी को विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम ने रावण को हराया था।

नवरात्रि का महत्व समूचे भारत में देखा जा सकता है। इस पर्व में मां दुर्गा की भक्ति और उनके नौ रूपों की पूजा की जाती है।

नवरात्रि पूजन विधि

नवरात्रि मां दुर्गा की आराधना का समय है। इस दौरान, लोग मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि पूजा को शुद्ध बनाने के लिए, कुछ महत्वपूर्ण कदम हैं।

चलिए जानते हैं कि नवरात्रि पूजा का विधान क्या है। और यह कैसे घर पर किया जा सकता है।

नवरात्रि पूजा की तैयारी

  1. नवरात्रि के पहले दिन, लोग व्रत का संकल्प लेते हैं।
  2. मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है। इस वेदी को कलश पर रखा जाता है।
  3. कलश में सात अनाज, सिक्के और मिट्टी भरकर सजाया जाता है।
  4. कुलदेवी की प्रतिमा रखी जाती है।

नवरात्रि पूजा विधि

नवरात्रि पूजा का विधान यह है:

  1. दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है।
  2. अखंड ज्योति जलाई जाती है।
  3. देवी मां की आरती की जाती है। प्रसाद सभी को बांटा जाता है।

इस तरह, नवरात्रि पूजा शुद्ध और सार्थक होती है। इस पूजा में, मां दुर्गा की आराधना के साथ गरीबों का भी ध्यान रखा जाता है।

Dussehra Puja निष्कर्ष:

Dussehra Puja या विजयादशमी दुर्गा पूजा का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन भगवान राम ने रावण को हराया था। मां दुर्गा ने भी महिषासुर को हराया था।

Dussehra Puja का शुभ मुहूर्त दोपहर होता है। इसका बहुत महत्व है। नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है।

इस दिन लोग रावण के पुतलों का दहन करते हैं। दशहरा भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

आप भी इस उत्सव में शामिल हो सकते हैं। इससे आपको अपने परिवार और समुदाय के साथ जुड़ने का मौका मिलता है।

Dussehra Puja FAQ?

Q: कब मनाया जाता है दुर्गा पूजा या दशहरा का त्योहार?

A: दशहरा या विजयादशमी का त्योहार 12 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा। बंगाल में दशहरा का पर्व 13 अक्टूबर, 2024 को मनाया जाएगा।

Q: दशहरा या विजयादशमी का क्या महत्व है?

A: दशहरा या विजयादशमी का त्योहार अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भगवान श्री राम ने इस दिन रावण का वध किया।

इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त की।

Q: दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त कब होता है?

A: विजयादशमी पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 2 मिनट से दोपहर 2 बजकर 48 मिनट तक है।

बंगाल में दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:16 से शुरू होकर दोपहर 3:35 बजे तक है।

Q: दशहरा पूजा कैसे की जाती है?

A: दशहरा पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर के समय में होता है। घर के ईशान कोण में 8 कमल की पंखुड़ियों से अष्टदल चक्र बनाया जाता है।

चक्र के बीच में ‘अपराजिताय नमः:’ मंत्र का जप करके मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा की जाती है।

रोली, अक्षत, फूल, फल आदि सामग्री अर्पित की जाती है और भोग लगाया जाता है।

Q: नवरात्रि के बारे में क्या जानते हैं?

A: नवरात्रि बहुत ही खास है। चैत्र और शारदीय नवरात्रि सबसे प्रमुख हैं।

नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के नौ रूपों की उपासना की जाती है।

नवरात्रि का दसवां दिन विजयादशमी या दशहरा के रूप में मनाया जाता है।

Q: नवरात्रि पूजा कैसे की जाती है?

A: नवरात्रि के पहले दिन व्रती द्वारा व्रत का संकल्प लिया जाता है।

मिट्टी की वेदी में जौ बोया जाता है और इस वेदी को कलश पर स्थापित किया जाता है।

कलश में सात तरह के अनाज, कुछ सिक्के और मिट्टी रखकर पंचपत्रों से सजाया जाता है।

इसके बाद कुलदेवी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाता है और अखंड ज्योति जलाई जाती है।

अंत में देवी मां की आरती की जाती है और प्रसाद सभी लोगों में बांटा जाता है।

Abhishek kumar

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