हेल्लो दोस्तों हरतालिका तीज व्रत को वैशाक-शुक्ल त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह व्रत सुहागिन और कुंवारी लड़कियों के लिए खास है। इस व्रत से पति को लंबी आयु और स्वस्थ जीवन मिलता है।
महिलाएं प्रदोष काल में शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। साथ ही हरतालिका तीज की कहानी सुनती हैं।
माता पार्वती ने शिव को पति पाने के लिए तपस्या की थी। हरतालिका तीज की कथा को जानना जरूरी है।
इस व्रत को श्रद्धा से करने से महिलाओं को पति और परिवार का कल्याण मिलता है।
Hartalika Teej Vrat Katha:
हरतालिका तीज का व्रत सावन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर होता है। इसकी कहानी पुराणों में लिखी है। यह कहानी शिव और पार्वती के प्रेम और त्याग की है।
पुराणिक कथा के अनुसार
पार्वती ने हिमालय में गंगा के किनारे तपस्या की। वह सिर्फ सूखे पत्ते खाती थीं। कई सालों तक वह हवा ही खाती रहीं।
भगवान शिव और मां पार्वती की कथा
पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस तरह शिव और पार्वती का विवाह हुआ।
तपस्या के बाद भगवान शिव से विवाह
पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार किया। इस तरह पार्वती और शिव का विवाह हुआ।
हरतालिका तीज व्रत की कथा में शिव और पार्वती का प्रेम और त्याग है। यह व्रत पार्वती की तपस्या और शिव की दया का प्रतीक है।
हरतालिका तीज व्रत मुहूर्त और विधि
हरतालिका तीज का त्योहार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर होता है। इस साल 6 सितंबर को शुक्रवार को यह त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन व्रत और पूजा की पूरी तैयारी की जाएगी।
Hartalika Teej Vrat Katha का मुहूर्त 2024
भाद्रपद माह की तृतीया तिथि 5 सितंबर को दोपहर 12:21 मिनट से शुरू होगी। 6 सितंबर को दोपहर 3:01 मिनट पर समाप्त होगी। इस आधार पर हरतालिका तीज 6 सितंबर को मनाया जाएगा।
हरतालिका तीज पूजा सामग्री
पूजा के लिए आवश्यक सामग्रियों में गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता शामिल हैं। धतूरे का फल, फूल, अकांव का फूल, तुलसी और मंजरी भी जरूरी हैं।
हरतालिका तीज पूजा विधि और कथा हिंदी में
हरतालिका तीज पूजा के लिए कई सामान चाहिए। ये सामान हैं – जनेऊ, वस्त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद।
हरतालिका तीज पूजन विधि
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6:02 से 8:33 तक है। महिलाएं कलश की पूजा करती हैं, जिसे गीली मिट्टी से बनाया जाता है।
फिर शमी पत्र, बेल पत्र, तुलसी, फूल और फल अर्पित किए जाते हैं। पूजा के बाद शंखनाद, दीपदान और आरती होती है।
महिलाएं मां पार्वती से मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए व्रत रखती हैं। पूजा के बाद एक-दूसरे को मेहंदी और फूल भेंट करती हैं।
Hartalika Teej Vrat Katha हिंदी में 2024
हरतालिका तीज व्रत एक कठिन व्रत है। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
मान्यता है कि माता पार्वती ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए इस व्रत को किया था।
इस व्रत से महिलाओं को सौभाग्य मिलता है।
हरतालिका तीज के व्रत की कथा
पुराणों के अनुसार, शिव और पार्वती एक वन में थे। एक बूढ़ी औरत ने अपने पति के लिए पानी लाया। शिव ने पार्वती से कहा कि वह भी ऐसा व्रत करे।
पार्वती ने निर्जला व्रत किया और शिव को पति प्राप्त किया।
Hartalika Teej Vrat की महत्ता और लाभ
हरतालिका तीज व्रत से महिलाओं को कई लाभ होते हैं:
- पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्राप्ति
- धन-संपदा और सौभाग्य की प्राप्ति
- सुंदर और स्वस्थ संतान की प्राप्ति
- पारिवारिक सुख और समृद्धि
इसलिए हरतालिका तीज व्रत महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसे श्रद्धा और समर्पण से मनाया जाता है।
“हरतालिका तीज व्रत करने से महिलाएं पति के लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।”
हरतालिका तीज निर्जला व्रत
हरतालिका तीज का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं के पति की उम्र लंबी होती है। कुंवारी लड़कियों को मनचाहा वर भी मिल जाता है। ‘हरतालिका तीज’ व्रत निराहार और निर्जला किया जाता है।
इस दिन श्रद्धालु महिलाएं उपवास करके मां पार्वती की पूजा करती हैं।
Hartalika Teej Vrat Katha में निर्जला व्रत का महत्व
निर्जला व्रत का महत्व बहुत है। महिलाओं के लिए यह व्रत कई लाभ देता है। पति की लंबी उम्र और कुंवारी लड़कियों के लिए अच्छा होता है।
यह व्रत महिलाओं को सामाजिक प्रतिष्ठा और आत्मविश्वास देता है।
व्रत के नियम और विधि
- व्रत का संकल्प सुबह ब्रह्म मुहूर्त में लिया जाता है।
- स्नान करके “उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये” मंत्र का उच्चारण किया जाता है।
- इस व्रत में पानी का सेवन वर्जित है।
- शाम को जागरण किया जाता है।
- अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में व्रत भंग किया जाता है।
हरतालिका तीज व्रत को निष्ठापूर्वक करने से महिलाओं को कई लाभ होते हैं। यह व्रत उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
हरतालिका तीज पर सोलह श्रृंगार
हरतालिका तीज भारतीय संस्कृति में एक बड़ा त्योहार है। सुहागिन महिलाएं इस दिन “हरतालिका तीज के 16 श्रृंगार” करती हैं। ये श्रृंगार उनकी सुंदरता को बढ़ाते हैं और वैवाहिक जीवन में समृद्धि लाते हैं।
सोलह श्रृंगार की सामग्री
हरतालिका तीज के दिन, सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं। सोलह श्रृंगार में काजल, कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर, लाल चुनरी, नथ, माथापट्टी, कंगन, नूपुर, पायल, पंजाबी जूते, हार, बाली और अंगूठी शामिल हैं।
सोलह श्रृंगार करने की विधि
- सबसे पहले नए कपड़े पहनें और उनमें सिंदूर लगाएं।
- फिर माथे पर बिंदी लगाएं और नाक में नथ पहनें।
- चूड़ियां और कंगन पहनें।
- हार और बाली पहनें।
- पायल और नूपुर पहनें।
- पंजाबी जूते पहनें।
- अंत में काजल और कुमकुम लगाकर कंगन बांधकर श्रृंगार पूर्ण करें।
महिलाएं “हरतालिका तीज के 16 श्रृंगार” करके देवी पार्वती का श्रृंगार करती हैं। इस तरह वे अपने वैवाहिक जीवन में समृद्धि और सुख प्राप्त करती हैं।
हरतालिका तीज के “16 श्रृंगार” महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये श्रृंगार उनकी सुंदरता को निखारते हैं और वैवाहिक जीवन में शुभ परिणाम देते हैं।
Hartalika Teej Vrat Katha निष्कर्ष:
हरतालिका तीज एक बड़ा हिंदू त्योहार है। इस दिन, महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए प्रार्थना करती हैं। वे पूजा-पाठ, व्रत और श्रृंगार करते हैं।
Hartalika Teej: महिलाओं के लिए एक खास त्योहार
हरतालिका तीज की कहानी से हमें शिव और पार्वती की पूजा के लिए श्रद्धा होती है। व्रत और पूजा महिलाओं के परिवार की खुशहाली के लिए मदद करते हैं।
हरतालिका तीज महिलाओं के लिए एक खास दिन है। वे अपने पति और परिवार के लिए प्रार्थना करती हैं। यह उनके सौभाग्य को दर्शाता है।
Hartalika Teej Vrat Katha FAQ?
Q: क्या हरतालिका तीज व्रत सिर्फ सुहागिन महिलाओं के लिए ही है?
A: नहीं, हरतालिका तीज व्रत कुंवारी लड़कियों के लिए भी खास होता है। माना जाता है कि इस व्रत से पति को लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन मिलता है।
Q: हरतालिका तीज व्रत में क्या विशेष महत्व है?
A: इस व्रत में महिलाएं शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। व्रत की कहानी सुनना भी जरूरी है।
Q: हरतालिका तीज व्रत का मुहूर्त कब है?
A: 5 सितंबर को दोपहर 12:21 मिनट से शुरू होगा। 6 सितंबर को दोपहर 3:01 मिनट पर समाप्त होगा।
6 सितंबर को शुक्रवार को हरतालिका तीज मनाया जाएगा।
Q: हरतालिका तीज पूजा में क्या सामग्री का उपयोग किया जाता है?
A: पूजा में गीली मिट्टी, बेल पत्र, शमी पत्र, केले का पत्ता शामिल हैं।
धतूरे का फल, फूल, अकांव का फूल, तुलसी, मंजरी, जनेऊ, वस्त्र, मौसमी फल-फूल, नारियल, कलश, अबीर, चंदन, घी, कपूर, कुमकुम, दीपक, दही, चीनी, दूध और शहद का उपयोग किया जाता है।
Q: हरतालिका तीज व्रत कैसे किया जाता है?
A: हरतालिका तीज एक कठिन व्रत है। महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
सुबह स्नान करके “उमामहेश्वरसायुज्य सिद्धये हरितालिका व्रतमहं करिष्ये” मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लिया जाता है।
पानी का सेवन वर्जित है। शाम को जागरण किया जाता है और अगले दिन ब्रह्म मुहूर्त में व्रत भंग किया जाता है।
Q: हरतालिका तीज में महिलाएं क्या खास करती हैं?
A: सुहागिन महिलाएं नए कपड़े पहनती हैं और सोलह श्रृंगार करती हैं।
काजल, कुमकुम, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, सिंदूर, लाल चुनरी आदि सोलह श्रृंगार की सामग्री हैं।