Santmat Satsang का दो दिवसीय विराट आयोजन मोहनियों पूर्व, पंचायत-धरहारा चकला भुनाई, बनमनखी (पूर्णियाँ) में बड़े उत्साह और भक्ति भाव से होने जा रहा है। यह कार्यक्रम 14 और 15 दिसम्बर 2024 (शनिवार और रविवार) को आयोजित किया गया है। इस सत्संग का प्रमुख उद्देश्य है, आध्यात्मिक जागृति और मानव जीवन में संतमत के महत्वपूर्ण सिद्धांतों को लागू करना।
Santmat Satsang:संतमत सत्संग का उद्देश्य
Santmat Satsang का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को सत्य की ओर ले जाना और उन्हें जीवन में भक्ति, ध्यान और साधना का महत्व समझाना है। इस आयोजन में पूज्य संतों और महात्माओं द्वारा प्रवचन दिए जाएंगे, जो आत्मा के जागरण और आध्यात्मिक विकास के लिए मार्गदर्शन करेंगे। Santmat Satsang जैसे आयोजनों का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी है।
टेंट की तैयारी और स्थल का चयन
Santmat Satsang मोहनियों पूर्व, धरहारा चकला भुनाई (बनमनखी) का चयन सत्संग के लिए एक आदर्श स्थल है। इस स्थान की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त बनाते हैं। आयोजन के लिए टेंट लगाने का काम शुरू हो चुका है, और यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी श्रद्धालुओं को बैठने और सत्संग का लाभ उठाने में कोई कठिनाई न हो।
Santmat Satsang में भाग लेने वाले पूज्य संत
इस पावन अवसर पर संत सद्गुरु महर्षि मेंही परमहंस जी महाराज के परम प्रिय तपस्वी शिष्य और मानस पुत्र पूज्य गुरुसेवी स्वामी भागीरथ जी महाराज की उपस्थिति विशेष आकर्षण होगी। इसके अलावा, पूज्य नरेशानंद बाबा, पूज्य लाल बाबा, पूज्य धरिंद्र बाबा, और पूज्य शिवनाय बाबा जैसे महान संतों का आगमन और उनके प्रवचन कार्यक्रम को और भी दिव्य बनाएंगे।
इन पूज्य संतों के प्रवचन श्रद्धालुओं को अध्यात्म की गहराइयों में ले जाएंगे और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएंगे। Santmat Satsang में भाग लेना उन सभी के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा जो अपने जीवन को सच्चाई और शांति के पथ पर ले जाना चाहते हैं।
Santmat Satsang: अध्यात्म और सेवा का संगम
Santmat Satsang न केवल अध्यात्म का प्रचार करता है, बल्कि समाज सेवा और मानवता की भलाई के कार्यों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। इस आयोजन के दौरान, गुरुजनों द्वारा यह संदेश दिया जाएगा कि कैसे आध्यात्मिकता और सेवा के माध्यम से हम समाज को एक नई दिशा दे सकते हैं।
इस सत्संग का एक विशेष पहलू यह भी है कि यह सभी धर्मों और वर्गों के लोगों के लिए खुला है। सत्संग का उद्देश्य मानवता को जोड़ना और प्रेम, करुणा और सद्भाव का संदेश फैलाना है।
Santmat Satsang आयोजन का समय और दिनचर्या
दो दिवसीय सत्संग में हर दिन भजन, कीर्तन, ध्यान और प्रवचन का आयोजन होगा। श्रद्धालु सुबह से शाम तक इन कार्यक्रमों में भाग लेकर अपनी आत्मा को शुद्ध और मन को शांत कर सकते हैं। सत्संग के दौरान संतों के साथ संवाद और प्रश्नोत्तर सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जहां भक्त अपनी आध्यात्मिक जिज्ञासाओं का समाधान पा सकेंगे।
सभी धर्मों के लोगों का स्वागत
इस Santmat Satsang में सभी धर्मों के श्रद्धालु सपरिवार आमंत्रित हैं। सत्संग का उद्देश्य किसी विशेष धर्म का प्रचार करना नहीं, बल्कि सभी धर्मों के अनुयायियों को आध्यात्मिकता और सच्चाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करना है। इस आयोजन में भाग लेने वाले श्रद्धालुओं को न केवल संतों के प्रवचनों का लाभ मिलेगा, बल्कि उन्हें आध्यात्मिक साधना की सही विधि भी सिखाई जाएगी।
Santmat Satsang से प्राप्त होने वाले लाभ
- आध्यात्मिक ज्ञान: सत्संग में संतों के प्रवचन जीवन में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने और आत्मा को उन्नत करने का मार्गदर्शन देते हैं।
- ध्यान और भक्ति का अभ्यास: सत्संग में ध्यान और भक्ति के माध्यम से आत्मिक शांति प्राप्त की जा सकती है।
- सामाजिक जागरूकता: सत्संग के माध्यम से समाज में प्रेम, करुणा और सद्भाव का संदेश फैलता है।
- जीवन में नई दिशा: संतों के मार्गदर्शन से श्रद्धालु अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।
Santmat Satsang में आपकी भागीदारी का महत्व
इस Santmat Satsang में भाग लेना एक अद्भुत अवसर है, जहां आप संतों के साथ आत्मीयता से जुड़ सकते हैं और उनके दिव्य विचारों को अपने जीवन में उतार सकते हैं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिकता का संगम है, बल्कि एक ऐसा अवसर भी है, जहां सभी लोग एक साथ मिलकर सच्चाई और प्रेम के मार्ग पर चलने का संकल्प ले सकते हैं।
निष्कर्ष: Santmat Satsang Ka Do Divasiya Virat Aayojan
14 और 15 दिसम्बर को आयोजित संतमत सत्संग एक ऐसा अद्वितीय कार्यक्रम है, जो हर व्यक्ति के लिए लाभकारी है। पूज्य संतों के सानिध्य में इस सत्संग में भाग लेने का अवसर न गंवाएं। मोहनियों पूर्व, धरहारा चकला भुनाई (बनमनखी) के इस आयोजन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं और अपने जीवन में आध्यात्मिक जागरण का अनुभव करें।
आप सभी श्रद्धालु सपरिवार आमंत्रित हैं। आइए, इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनें और संतमत के दिव्य संदेश को आत्मसात करें।
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