हेल्लो दोस्तों , विश्वकर्मा पूजा 2024 की तिथि के बारे में क्या जानते हैं? यह पूजा हर साल सितंबर में होती है। और इस दिन भगवान विश्वकर्मा जी की पूजा की जाती है। वे सभी शिल्पकारों, इंजीनियरों और निर्माण कार्यों से जुड़े लोगों के देवता हैं।विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत अधिक है। और इसके पीछे कई रीति-रिवाज हैं। इस दिन, लोग अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं।
भगवान विश्वकर्मा से सफलता और बाधाओं से मुक्ति की कामना करते हैं। तो आइए, विश्वकर्मा पूजा 2024 की सही तिथि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं।
Vishwakarma Puja 2024 Date And Time के कुछ मुख्य अंश:
- विश्वकर्मा पूजा 2024 की तिथि 16 सितंबर 2024 है
- पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः 9:51 से 11:26 तक है
- विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत अधिक है
- इस दिन भगवान विश्वकर्मा की पूजा के साथ अपने औजारों और मशीनों की पूजा की जाती है
- विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व इंजीनियरों और शिल्पकारों के लिए होता है
Vishwakarma Puja 2024 Date And Time:
हर साल विश्वकर्मा पूजा बड़े उत्साह से मनाया जाता है। यह त्योहार कारीगरों, इंजीनियरों, शिल्पकारों और उद्योगों के लोगों के लिए विशेष है। 2024 में विश्वकर्मा पूजा की तिथि और मुहूर्त के बारे में जानेंगे।
Vishwakarma Puja 2024 Date
विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। कन्या संक्रांति वह दिन है जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं।
2024 में यह 16 सितंबर, सोमवार को है। इसलिए, इस साल विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर को होगी।
विश्वकर्मा पूजा तिथि | दिनांक | वार |
---|---|---|
कन्या संक्रांति | 16 सितंबर 2024 | सोमवार |
Vishwakarma Puja 2024 शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त विश्वकर्मा पूजा के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। 16 सितंबर को यह दोपहर 11:51 बजे से 12:40 बजे तक रहेगा।
इस दिन रवि योग भी होगा, जो शुभ होता है।
विश्वकर्मा पूजा अभिजीत मुहूर्त में करने से मन को शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है।
Vishwakarma Puja 2024 के शुभ मुहूर्त निम्नलिखित हैं:
- अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 11:51 बजे से 12:40 बजे तक
- रवि योग – सूर्योदय से सूर्यास्त तक
आशा है कि आपको विश्वकर्मा पूजा 2024 की तारीख और मुहूर्त की जानकारी मिल गई होगी। इस पावन पर्व पर भगवान विश्वकर्मा की आराधना करें।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
विश्वकर्मा पूजा हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण है। यह आपके काम में आगे बढ़ने में मदद करती है। विश्वकर्मा जी की कृपा से आप बाधाओं से मुक्त हो सकते हैं।
इस पूजा में मशीनों और औजारों की भी पूजा होती है। इससे उनकी उम्र बढ़ती है। विश्वकर्मा पूजा के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु हैं:
- कारोबार में वृद्धि और उन्नति
- निर्माण कार्यों में सफलता और गुणवत्ता
- कार्य में आने वाली समस्याओं और बाधाओं से मुक्ति
- मशीनों और उपकरणों की लंबी उम्र
विश्वकर्मा पूजा इंजीनियरों और मजदूरों के लिए बहुत फायदेमंद है। यह समाज के हर व्यक्ति के लिए लाभदायक है। यह पूजा हमें अपने कर्तव्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देती है।
निष्कर्ष में, विश्वकर्मा पूजा का महत्व बहुत है। यह हमें अपने काम में उत्कृष्टता प्राप्त करने का मार्गदर्शन करती है। यह जीवन में सफलता प्राप्त करने का रास्ता दिखाती है।
विश्वकर्मा पूजा की पूजा विधि
विश्वकर्मा पूजा के लिए सबसे पहले पूजा सामग्री इकट्ठा करनी होती है। इसमें विश्वकर्मा जी की मूर्ति, पूजन थाली, और पंचामृत शामिल हैं। चावल, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य भी आवश्यक हैं।
पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करना भी जरूरी है।
पूजा की तैयारी
विश्वकर्मा पूजा के लिए निम्नलिखित चीजें इकट्ठा करें:
- विश्वकर्मा जी की मूर्ति या तस्वीर
- पूजन थाली और कलश
- पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और गंगाजल)
- चावल, फूल और धूप
- दीप और नैवेद्य
पूजा स्थल को साफ करें। पूजा सामग्री को व्यवस्थित रखें। शांत और पवित्र वातावरण बनाएं।
पूजा की विधि
विश्वकर्मा पूजा की विधि इस प्रकार है:
- गणेश जी और विष्णु जी का ध्यान करके पूजन शुरू करें।
- विश्वकर्मा जी को धूप, दीप, फूल और अक्षत अर्पित करें।
- मंत्रोच्चार करते हुए विश्वकर्मा जी की पूजा-अर्चना करें।
- पूजा के अंत में आरती करके भोग लगाएं।
- प्रसाद वितरण करें और कारखानों में भंडारे का आयोजन करें।
“कर्मणयेवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि॥”
श्रीमद्भगवद्गीता के इस श्लोक का अर्थ है कि हमें अपने कर्मों पर ध्यान देना चाहिए, न कि उनके फल पर। कर्म करते समय फल की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए और कर्म न करने का भाव भी नहीं रखना चाहिए। विश्वकर्मा पूजा के माध्यम से हम अपने कर्मों के प्रति समर्पण भाव रखना सीखते हैं।
भगवान विश्वकर्मा के बारे में
भगवान विश्वकर्मा हिंदू धर्म में सृजन के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। वे वास्तुकार, शिल्पकार और इंजीनियर हैं। देवताओं के लिए वे भवन और वाहन बनाते हैं।
भगवान विश्वकर्मा कौन हैं
भगवान विश्वकर्मा भगवान ब्रह्मा के पुत्र हैं। उनकी सृजनात्मक प्रतिभा और कौशल के लिए वे प्रसिद्ध हैं। उन्होंने देवताओं के लिए कई भव्य निर्माण किए हैं।
विश्वकर्मा जी को शिल्प और वास्तुकला का संरक्षक माना जाता है।
भगवान विश्वकर्मा की उत्पत्ति
हिंदू पुराणों में लिखा है कि विश्वकर्मा समुद्र मंथन के समय प्रकट हुए थे। देवताओं और असुरों ने मिलकर समुद्र का मंथन किया। तब विश्वकर्मा जी निकले और देवताओं के शिल्पकार बने।
उन्होंने अपनी प्रतिभा से देवताओं के लिए कई अद्भुत निर्माण किए।
“विश्वकर्मा वह शक्ति हैं, जो मन में उठने वाले विचार को मूर्त रूप देती हैं। वे कल्पना को साकार करने वाले देवता हैं।”
विश्वकर्मा जी ने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं:
- देवताओं के लिए स्वर्ग लोक में भव्य महल बनाए।
- भगवान विष्णु के विश्वरूप को देखने के लिए अर्जुन को दिव्य दृष्टि दी।
- भगवान कृष्ण की राजधानी द्वारका का निर्माण किया।
- रावण के लिए पुष्पक विमान बनाया।
इस प्रकार, भगवान विश्वकर्मा सृजन, कला और शिल्प के देव हैं। उनकी दिव्य कारीगरी ने हिंदू पौराणिक कथाओं को समृद्ध किया है।
Vishwakarma Puja 2024
वर्ष 2024 में विश्वकर्मा पूजा 16 सितंबर, दिन सोमवार को मनाई जाएगी। यह पर्व हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने औजारों और मशीनों की पूजा करते हैं।
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पूजा की तैयारी की जाती है। सबसे पहले औजारों और मशीनों की अच्छी तरह सफाई की जाती है।
फिर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर स्थापित की जाती है। विधिवत पूजा की जाती है।
पूजा का मुख्य समय या मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त कहलाता है। वर्ष 2024 में विश्वकर्मा पूजा का अभिजीत मुहूर्त निम्नानुसार है:
विश्वकर्मा पूजा 2024 अभिजीत मुहूर्त | समय |
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16 सितंबर 2024 | सुबह 11:49 से दोपहर 12:36 तक |
पूजा में भगवान विश्वकर्मा को उनकी पसंदीदा वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। हल्दी, कुमकुम, फूल, धूप आदि दिए जाते हैं।
पूजा के बाद प्रसाद के रूप में मिठाइयाँ और फल बाँटे जाते हैं। कई जगहों पर भंडारे का आयोजन भी किया जाता है।
इस प्रकार, विश्वकर्मा पूजा लोगों में उत्साह और धार्मिक भावना को बढ़ाती है। यह पर्व हमें अपने कार्य के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा देता है।
Vishwakarma Puja 2024 निष्कर्ष:
विश्वकर्मा पूजा उत्सव 2024 16 सितंबर को मनाया जाएगा। यह भगवान विश्वकर्मा की पूजा का दिन है। वे संसार के आदि शिल्पकार माने जाते हैं।
वास्तुकला, इंजीनियरिंग, शिल्प और उद्योग के लोग इस दिन को विशेष मानते हैं। यह दिन कारोबार और निर्माण कार्यों में सफलता लाता है। इसलिए, इसे बड़े उत्साह से मनाया जाता है।
सुबह अभिजीत मुहूर्त में पूजा की जाती है। आप भी भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति स्थापित कर पूजा कर सकते हैं। इससे आपके काम में सुधार होगा।
इसलिए, विश्वकर्मा पूजा 2024 के अवसर पर हम सब भगवान विश्वकर्मा के चरणों में प्रणाम करते हैं। उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए हम उनके चरणों में गिरते हैं।
Vishwakarma Puja 2024 FAQ?
Q: विश्वकर्मा पूजा 2024 कब मनाई जाएगी?
A: विश्वकर्मा पूजा 2024 में 16 सितंबर को मनाई जाएगी। यह दिन सोमवार होगा।
Q: विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
A: 16 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त है। यह समय सुबह 11 बजकर 51 मिनट से शुरू होगा। यह 12 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।
Q: विश्वकर्मा पूजा का महत्व क्या है?
A: विश्वकर्मा पूजा से कारोबार में वृद्धि होती है। यह निर्माण कार्यों में सफलता लाती है।
इसके अलावा, मशीनों और उपकरणों की आयु बढ़ती है।
Q: विश्वकर्मा पूजा के लिए क्या सामग्री चाहिए?
A: विश्वकर्मा पूजा के लिए भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर चाहिए।
इसके अलावा, पूजा थाली, कलश, पंचामृत, चावल, फूल, धूप, दीप, और नैवेद्य की भी जरूरत होती है।
Q: भगवान विश्वकर्मा कौन हैं?
A: भगवान विश्वकर्मा संसार के आदि शिल्पकार, वास्तुकार, और इंजीनियर हैं।
वे सृजन के देवता हैं। भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र माने जाते हैं।
Q: विश्वकर्मा पूजा के दिन क्या किया जाता है?
A: विश्वकर्मा पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि किया जाता है।
इसके बाद, पूजा स्थल और औजारों की सफाई की जाती है।
फिर विधिवत पूजा अर्चना की जाती है। पूजा के बाद, प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन होता है।